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प्रयागराज महाकुंभ, जो हर 12 साल में होता है और लाखों श्रद्धालुओं का मेला होता है, इस बार एक दुखद घटना का गवाह बना। महाकुंभ में हुए भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई, जिससे पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, उन्होंने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया।
इस भगदड़ का मुख्य कारण भारी भीड़ बताया जा रहा है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु “अमृत स्नान” के लिए एकत्रित हुए थे। सीएम योगी ने कहा कि इस भारी भीड़ के कारण कुछ रास्ते बंद हो गए थे, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई। प्रशासन ने पूरी तत्परता से काम किया, लेकिन फिर भी इस अप्रत्याशित घटना ने कई लोगों की जान ले ली।
सीएम योगी ने मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की, ताकि वे इस कठिन समय में कुछ राहत महसूस कर सकें। साथ ही, उन्होंने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है, जिसमें सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार, पूर्व डीजीपी वीके गुप्ता, और सेवानिवृत्त आईएएस डीके सिंह शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इस घटना की पुलिस जांच भी की जाएगी। प्रशासन की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए पूरी स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
सीएम योगी ने बताया कि भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कई उपाय किए। प्रशासन ने अखाड़ों से अनुरोध किया था कि वे स्नान स्थगित करें ताकि स्थिति पर काबू पाया जा सके। इस निर्णय के बाद, स्नान दोपहर में शुरू हुआ और सब कुछ सामान्य रहा। इसके बाद ही श्रद्धालुओं को महाकुंभ में प्रवेश की अनुमति दी गई।
महाकुंभ में हुई भगदड़ एक दुखद घटना है, जिसने 30 निर्दोष लोगों की जान ली। इस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उचित कदम उठाए हैं, लेकिन यह घटना प्रशासन को एक सबक भी देती है कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता है। मृतकों के परिवारों को राहत देने के लिए 25 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान एक अच्छा कदम है, लेकिन प्रशासन को इस घटना से कुछ ठोस निष्कर्ष निकालने होंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।