अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया कि गाजा पट्टी को पूरी तरह खाली कर वहां अमेरिकी और इजरायली नियंत्रण में विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि इजराइल की बमबारी से गाजा अब पूरी तरह तबाह हो चुका है, और इसे दोबारा बनाने के लिए इसे अमेरिका के हाथों में सौंप देना चाहिए।
ट्रंप ने यह भी कहा कि गाजा के विस्थापित नागरिकों को मिस्र, जॉर्डन या अन्य अरब देशों में बसाया जाना चाहिए और उन्हें वापस लौटने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जिससे भविष्य में संघर्ष दोबारा न भड़के।
इजराइल और अरब देशों की प्रतिक्रिया:
ट्रंप के इस बयान पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने समर्थन जताया और उन्हें इजराइल का सबसे बड़ा मित्र बताया। वहीं, कई अरब देशों और इस्लामिक संगठनों ने इस बयान की निंदा की है।
क्या है ट्रंप की योजना?
- गाजा पट्टी को पूरी तरह खाली करना।
- गाजा में पुनर्निर्माण कर वहां अमेरिकी-इजरायली नियंत्रण स्थापित करना।
- विस्थापित फिलिस्तीनियों को अन्य अरब देशों में बसाना।
- फिलिस्तीनियों को गाजा वापस लौटने की अनुमति न देना।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
इस बयान से ओआईसी (Organization of Islamic Cooperation) और अरब देशों में नाराजगी देखी जा रही है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना भू-राजनीतिक संतुलन को बिगाड़ सकती है और भविष्य में बड़े संघर्ष को जन्म दे सकती है।
क्या यह योजना सफल हो सकती है?
अगर इस योजना को लागू किया जाता है, तो यह मध्य पूर्व में एक नया भू-राजनीतिक संकट खड़ा कर सकती है। साथ ही, गाजा के नागरिकों को जबरन निकालना मानवीय संकट को और गहरा सकता है
डोनाल्ड ट्रंप की यह योजना बेहद विवादास्पद है और इसे लागू करना लगभग असंभव माना जा रहा है। इससे ना केवल मध्य पूर्व में अस्थिरता बढ़ेगी, बल्कि अमेरिका और अरब देशों के संबंधों पर भी गहरा असर पड़ सकता है।