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Will France Acquire India’s Deadly Pinaka System?

Will France Acquire India’s Deadly Pinaka System: फ्रांस को ऑफर और रक्षा निर्यात में मील का पत्थर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया फ्रांस यात्रा ने भारत के रक्षा निर्यात के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ा है। इस दौरान भारत ने फ्रांसीसी सेना को स्वदेशी पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम (MBRL) की आपूर्ति का प्रस्ताव रखा, जो द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को नई ऊंचाई दे सकता है। यह कदम न केवल “मेक इन इंडिया” की सफलता को उजागर करता है, बल्कि भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।


पिनाका रॉकेट सिस्टम: तकनीकी विशेषताएं और क्षमताएं

  1. शक्तिशाली रेंज और सटीकता:
  • पिनाका रॉकेट सिस्टम के मार्क-I संस्करण की मारक क्षमता 45 किमी, जबकि मार्क-II 90 किमी तक प्रहार कर सकता है। भविष्य में इसकी रेंज को 120 किमी और फिर 300 किमी तक बढ़ाने की योजना है।
  • यह प्रणाली 4.7 मैक (5,800 किमी/घंटा) की गति से दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाती है, जिसे रोकना लगभग असंभव है।
  1. तेजी से प्रतिक्रिया:
  • पिनाका एक बार में 12 रॉकेट्स को मात्र 44 सेकंड में दाग सकता है और “शूट एंड स्कूट” तकनीक के साथ हमले के बाद तेजी से स्थान बदलने में सक्षम है।
  1. विविध युद्धसामग्री:
  • यह क्लस्टर बम, हाई-एक्सप्लोसिव फ्रैगमेंटेशन, एंटी-टैंक, और बारूदी सुरंग विरोधी वारहेड ले जाने में सक्षम है।
  1. मोबिलिटी:
  • टाट्रा ट्रक पर माउंटेड यह सिस्टम दुर्गम इलाकों में आसानी से तैनात किया जा सकता है।

भारत का रक्षा निर्यात: पिनाका की भूमिका

  • आर्मेनिया को पहला निर्यात: 2023 में आर्मेनिया ने पिनाका सिस्टम के लिए $245 मिलियन का समझौता किया, जो भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।
  • अन्य रुचि रखने वाले देश: इंडोनेशिया, नाइजीरिया, और कुछ आसियान देशों ने भी इस प्रणाली में दिलचस्पी दिखाई है।
  • निर्यात लक्ष्य: भारत ने 2029 तक रक्षा निर्यात को ₹50,000 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें पिनाका जैसे सिस्टम अहम भूमिका निभाएंगे।

भारत-फ्रांस रक्षा सहयोग: संतुलन की राह

  • पिनाका सौदे का महत्व: फ्रांस भारत का दूसरा सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता है (2019-2023 के बीच), जिससे राफेल जेट्स और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों जैसे बड़े सौदे हुए हैं। पिनाका का प्रस्ताव इस संबंध में “द्विपक्षीय संतुलन” को दर्शाता है।
  • स्कॉर्पीन पनडुब्बियों में स्वदेशीकरण: भारत ने DRDO द्वारा विकसित एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) सिस्टम को इन पनडुब्बियों में शामिल करने में सफलता पाई है।
  • संयुक्त अनुसंधान: दोनों देशों ने रक्षा प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में DRDO और फ्रांस की DGA के बीच एक R&D फ्रेमवर्क शुरू करने पर सहमति जताई।

फ्रांस की रुचि और चुनौतियां

  • मौजूदा मूल्यांकन: फ्रांसीसी सेना ने पिनाका का प्रदर्शन देखा है और इसे “संतोषजनक” पाया है। वे अपने पुराने M270 LRU सिस्टम को बदलने के लिए विकल्प तलाश रहे हैं।
  • चर्चा का स्तर: अभी तक कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है, लेकिन बातचीत प्रगति पर है।

स्वदेशी तकनीक का वैश्विक प्रभाव

पिनाका रॉकेट सिस्टम का फ्रांस को प्रस्ताव भारत की रक्षा उद्योग में आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह न केवल “मेक इन इंडिया” को बल देता है, बल्कि रणनीतिक साझेदारियों के माध्यम से भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में प्रमुख खिलाड़ी बनाने की दिशा में एक कदम है। यदि यह सौदा संपन्न होता है, तो यह भारत-फ्रांस संबंधों में एक ऐतिहासिक मोड़ साबित होगा और अन्य देशों के लिए भारतीय रक्षा उपकरणों में विश्वास जगाएगा।

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