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Union Budget 2025

union budget 2025 expectations

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भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करेंगी। इस बजट में मुख्य रूप से राजकोषीय समेकन (Fiscal Consolidation) पर जोर दिया जाएगा, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके और वित्तीय घाटे को कम किया जा सके।

राजकोषीय घाटा और सरकार का लक्ष्य:

राजकोषीय जिम्मेदारी और बजट प्रबंधन अधिनियम (FRBM) 2003 के अनुसार, भारत का राजकोषीय घाटा 3% तक सीमित रहना चाहिए था, लेकिन महामारी के कारण यह 9.16% तक पहुँच गया। अब सरकार ने वित्त वर्ष 2025 में इसे घटाकर 4.94% करने का लक्ष्य रखा है और 2026-27 तक इसे 4.5% से भी कम करने की योजना बना रही है।

2024-25 में वित्तीय स्थिति की झलक:

आर्थिक समेकन और आगे की रणनीति:

वित्त मंत्री द्वारा 2021 में घोषित राजकोषीय समेकन नीति से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। सरकार का उद्देश्य 2025 तक 100% से अधिक की आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करना है।

सरकार राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है, जिसमें:

  1. राजस्व बढ़ाने के लिए कर सुधार – आयकर संग्रह में बढ़ोतरी देखने को मिली है।
  2. पूंजीगत व्यय में निवेश – बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए व्यय किया जाएगा।
  3. शुद्ध बाजार उधारी में कमी – सरकारी उधारी को नियंत्रित करने पर ध्यान दिया जाएगा।

बजट 2025 से क्या उम्मीदें?

  1. कर सुधार – मध्यम वर्ग के लिए टैक्स में कुछ रियायतें मिल सकती हैं।
  2. बुनियादी ढांचे पर जोर – हाईवे, रेलवे, और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में निवेश बढ़ सकता है।
  3. स्वास्थ्य और शिक्षा – इन क्षेत्रों के बजट में वृद्धि संभव है।
  4. डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप्स को बढ़ावा – सरकार इन क्षेत्रों में अधिक निवेश कर सकती है।

केंद्रीय बजट 2025-26 से उम्मीद है कि यह अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएगा। 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं से स्पष्ट होगा कि सरकार की वित्तीय रणनीति किस दिशा में आगे बढ़ेगी।

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