Site icon Newswaala

Trump Effect and Bangladesh: शेख हसीना की वापसी की संभावना

Trump Effect and Bangladesh

Trump Effect and Bangladesh

बांग्लादेश की राजनीति में एक नया मोड़ आता दिख रहा है। शेख हसीना, जो पिछले छह महीनों से अपने ही देश से बाहर हैं, उनकी वापसी की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। यह संभावना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रभाव के कारण उत्पन्न हुई है, जिसे अब “ट्रंप इफेक्ट” के नाम से जाना जा रहा है। यह इफेक्ट न केवल बांग्लादेश बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।

शेख हसीना का संघर्ष:

शेख हसीना, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री, पिछले कुछ महीनों से अपने ही देश में राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रही हैं। उन पर 33 मुकदमे दर्ज किए गए हैं और उनकी पार्टी, आवामी लीग, को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है। यह सब अमेरिका और पाकिस्तान की साजिश का परिणाम माना जा रहा है। अमेरिका ने शेख हसीना को हटाने के लिए बांग्लादेश में प्रोटेस्ट को फंड किया और पाकिस्तान ने अपनी खुफिया एजेंसी के जरिए इसे और हवा दी।

ट्रंप इफेक्ट का असर:

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से ही बांग्लादेश की राजनीति में बदलाव आने लगा है। ट्रंप ने शेख हसीना का समर्थन किया है और बांग्लादेश को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता को रोक दिया है। यह कदम ट्रंप की उस नीति का हिस्सा है जिसमें वह उन देशों को सहायता देना बंद कर देते हैं जो अमेरिकी हितों के अनुरूप नहीं चलते। ट्रंप का यह कदम शेख हसीना के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।

आवामी लीग का प्रतिरोध:

आवामी लीग ने हाल ही में घोषणा की है कि वह शेख हसीना की वापसी के लिए प्रोटेस्ट शुरू करेगी। इस प्रोटेस्ट में पार्टी कार्यकर्ता पर्चे बांटेंगे, विरोध मार्च निकालेंगे और देशव्यापी हड़ताल करेंगे। आवामी लीग ने यह भी मांग की है कि शेख हसीना के खिलाफ लगाए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाएं और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न को समाप्त किया जाए।

अमेरिका और पाकिस्तान की भूमिका:

अमेरिका ने शेख हसीना को हटाने के लिए बांग्लादेश में प्रोटेस्ट को फंड किया और पाकिस्तान ने अपनी खुफिया एजेंसी के जरिए इसे और हवा दी। पाकिस्तान ने बांग्लादेश में अपने एजेंट्स भेजकर प्रोटेस्ट को और भड़काया। यह सब शेख हसीना को हटाने और बांग्लादेश की राजनीति में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए किया गया।

ट्रंप और सोरोस का टकराव:

ट्रंप और जॉर्ज सोरोस के बीच का टकराव भी बांग्लादेश की राजनीति को प्रभावित कर रहा है। सोरोस ने ट्रंप को इस्लामिक स्टेट का काम करने वाला बताया था और उनकी सरकार को दुनिया के लिए खतरनाक बताया था। ट्रंप ने सोरोस के प्रभाव को कम करने के लिए बांग्लादेश को दी जाने वाली सहायता को रोक दिया है। यह कदम शेख हसीना के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।

निष्कर्ष:

बांग्लादेश की राजनीति में ट्रंप इफेक्ट का असर साफ देखा जा सकता है। शेख हसीना की वापसी की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं और आवामी लीग का प्रतिरोध इस दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। अमेरिका और पाकिस्तान की भूमिका भी इस संघर्ष में महत्वपूर्ण है। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की राजनीति में और भी बदलाव आ सकते हैं और ट्रंप इफेक्ट का असर पूरे दक्षिण एशिया की राजनीति पर देखा जा सकता है।

Exit mobile version