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प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के सेक्टर 19 में रविवार को एक भयानक हादसा हुआ, जब दो एलपीजी सिलेंडरों में विस्फोट के कारण आग लग गई। इस आग ने गीता प्रेस के टेंट समेत 18 टेंटों को अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना ने मेले में मौजूद श्रद्धालुओं और प्रशासन को चौंका दिया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं मिली है।
अखाड़ा पुलिस स्टेशन के प्रभारी भास्कर मिश्रा ने बताया कि यह आग सिलेंडर फटने के कारण लगी। आग की सूचना मिलते ही मौके पर 15 दमकल वाहनों को भेजा गया, जिन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। कुंभ मेले के मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने कहा कि स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है और प्रभावित क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और प्रशासन को हर संभव राहत कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस घटना के बारे में जानकारी दी।
महाकुंभ 2025 के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर इस घटना को लेकर एक पोस्ट किया गया, जिसमें लिखा गया, “यह घटना बेहद दुखद है। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों को पूरी तत्परता से अंजाम दे रहा है। हम माँ गंगा से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं।” पोस्ट के साथ आग की घटनास्थल का वीडियो भी साझा किया गया, जिसमें काले धुएं का एक विशाल गुबार उठता हुआ दिख रहा था।
महाकुंभ मेले में इस बार भक्तों की जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। मात्र छह दिनों में सात करोड़ से अधिक श्रद्धालु, कल्पवासी और साधु-संत संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, इस बार के महाकुंभ में कुल 45 करोड़ से अधिक लोगों के आने की संभावना है।
इतनी बड़ी संख्या में भक्तों की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि, मेले में लगाए गए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) ने इस चुनौती को काफी हद तक आसान बना दिया है। यह सेंटर न केवल भीड़ को नियंत्रित करने में मदद करता है, बल्कि मेले में निगरानी के विभिन्न कार्यों को भी अंजाम देता है।
मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर 15 जनवरी से महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) शुरू हुआ। इस पावन दिन पर करोड़ों श्रद्धालु और साधु-संत संगम तट पर जुटे और माँ गंगा की पवित्र धारा में स्नान कर पुण्य अर्जित किया। यह स्नान महाकुंभ का एक विशेष और महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है।
हालांकि, इस दुर्भाग्यपूर्ण आग की घटना ने सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने इस बात की पुष्टि की है कि राहत और बचाव कार्य पूरी तरह से पूरा कर लिया गया है और आगे ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में इस प्रकार की घटनाएं न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए खतरा बनती हैं, बल्कि प्रशासन के सामने नई चुनौतियां भी खड़ी करती हैं।
महाकुंभ मेले का महत्व केवल धार्मिक आस्था तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत और एकता का प्रतीक भी है। प्रशासन और श्रद्धालु दोनों इस आयोजन को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए मिलकर प्रयास कर रहे हैं।