RBI का साइबर अपराध पर लगाम

आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे आम जनता और वित्तीय संस्थानों को भारी नुकसान हो रहा है। बैंकों और वित्तीय संस्थानों को सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नया डोमेन बैंकिंग सेक्टर और वित्तीय संस्थानों के लिए जारी किया है।

RBI ने घोषणा की है कि अप्रैल 2025 से सभी बैंकों के लिए bank.in और वित्तीय संस्थानों के लिए fin.in डोमेन अनिवार्य कर दिया जाएगा। यह कदम फर्जी वेबसाइटों और ईमेल के माध्यम से होने वाली ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए उठाया गया है। इससे ग्राहकों को असली और नकली वेबसाइटों व ईमेल में अंतर करने में सहायता मिलेगी।

कैसे करेगा नया डोमेन साइबर अपराध पर लगाम?

  1. फर्जी वेबसाइटों से बचाव: कई साइबर अपराधी बैंकों के नाम से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर ग्राहकों से संवेदनशील जानकारी चुरा लेते हैं। नए डोमेन से केवल अधिकृत बैंक ही bank.in डोमेन का उपयोग कर सकेंगे।
  2. सुरक्षित लेन-देन: बैंकिंग सेवाओं के लिए एक मानकीकृत डोमेन होने से ग्राहक केवल अधिकृत वेबसाइटों पर ही अपने बैंकिंग लेन-देन कर पाएंगे।
  3. ईमेल और एसएमएस फ्रॉड में कमी: नए डोमेन के तहत केवल अधिकृत बैंक और वित्तीय संस्थान ही अपने ग्राहकों को ईमेल और एसएमएस भेज सकेंगे।

पंजीकरण की जिम्मेदारी किसकी होगी?

RBI के अंतर्गत कार्य करने वाले इंस्टिट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी (IDRBT) को bank.in और fin.in डोमेन के पंजीकरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह संस्था डिजिटल बैंकिंग सुरक्षा में सुधार लाने और नई तकनीकों के विकास के लिए काम करती है।

साइबर अपराध के मुख्य प्रकार और नए डोमेन की भूमिका

  1. 1. फिशिंग (Phishing)
    • फर्जी ईमेल या वेबसाइट के माध्यम से बैंकिंग डिटेल्स चुराने का प्रयास किया जाता है। bank.in और fin.in डोमेन से ग्राहकों को असली और नकली वेबसाइट की पहचान करने में मदद मिलेगी।
  2. मैलवेयर और वायरस अटैक
    • साइबर अपराधी अक्सर मैलवेयर इंस्टॉल कर ग्राहक की संवेदनशील जानकारी चुराते हैं। आधिकारिक डोमेन होने से ग्राहक केवल अधिकृत वेबसाइटों पर जाकर सुरक्षित रह सकते हैं।
  3. ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी
    • बैंकों के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर ग्राहकों को गुमराह किया जाता है। bank.in डोमेन लागू होने से बैंकिंग ट्रांजैक्शन सुरक्षित हो जाएंगे।

सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदम

भारत सरकार ने साइबर अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए कई एजेंसियों का गठन किया है:

  1. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB): यह एजेंसी साइबर अपराध के आंकड़ों को संकलित कर आवश्यक रिपोर्ट जारी करती है।
  2. CERT-In (Computer Emergency Response Team – India): यह एजेंसी साइबर सुरक्षा से संबंधित खतरों का विश्लेषण और समाधान करती है।
  3. साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (C4): यह केंद्र साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए राज्यों और केंद्र सरकार के बीच समन्वय स्थापित करता है।

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