पुणे के स्वर्गा बस स्टेशन के पास स्थित एक बस डिपो में 26 वर्षीय युवती के साथ सुबह 5:30 बजे बलात्कार का मामला सामने आया है। घटना उस समय हुई जब पीड़िता सतारा जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी। आरोपी दत्तात्रेय रामदास गड़े (36-37 वर्ष) ने उसे भरोसा दिलाकर सुनसान इलाके में स्थित खाली बस में ले जाया और वहां अंधेरे का फायदा उठाते हुए उसके साथ दुर्व्यवहार किया। अपराध के बाद, उसने पीड़िता को जान से मारने की धमकी देकर भागने में कामयाबी हासिल की।
आरोपी का पृष्ठभूमि:
- दत्तात्रेय गड़े एक “हबिचुअल ऑफेंडर” (दोहराया अपराधी) है, जिस पर चोरी, चेन स्नैचिंग और यौन हिंसा सहित छह मुकदमे दर्ज हैं।
- 2019 से वह जमानत पर बाहर था और पुलिस का मानना है कि वह पुणे के बस डिपो के इलाके से अच्छी तरह वाकिफ है।
- महाराष्ट्र पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया है तथा 13 विशेष टीमें गठित की गई हैं।
प्रतिक्रियाएं एवं आलोचनाएं:
- राजनीतिक नेतृत्व: देवेंद्र फडणवीस समेत कई नेताओं ने घटना की निंदा की है। शिवसेना और एमएनएस कार्यकर्ताओं ने एमएसआरटीसी कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन किए।
- पुलिस प्रशासन: स्वर्गा बस डिपो में सुरक्षा चूक को स्वीकारते हुए पुलिस ने बताया कि घटनास्थल का निरीक्षण कुछ मिनट पहले ही किया गया था। हालांकि, सवाल उठाए जा रहे हैं कि सुनसान क्षेत्रों में गार्ड्स की तैनाती क्यों नहीं थी।
- एमएसआरटीसी पर दबाव: महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एमएसआरटीसी), जो देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक परिवहन सेवा है, के प्रबंधन पर यात्री सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।
वर्तमान स्थिति:
- पीड़िता ने स्वर्गा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। उसे मेडिकल जांच के बाद काउंसलिंग सहायता प्रदान की जा रही है।
- घटना में इस्तेमाल हुई बस को फॉरेंसिक जांच के लिए सील कर दिया गया है।
- पुलिस आरोपी के पिछले संपर्कों और गतिविधियों की जांच कर रही है।
यह घटना महाराष्ट्र में सार्वजनिक स्थलों पर महिला सुरक्षा और अपराधियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रियाओं की कमजोरियों को उजागर करती है। दत्तात्रेय जैसे दोहराए जाने वाले अपराधियों को जमानत देने की नीति पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। साथ ही, एमएसआरटीसी को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी, गार्ड्स और बेहतर रोशनी जैसे उपाय तत्काल लागू करने होंगे।