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India Develops 1st Military Grade Semicon Chip: इसरो-आईआईटी मद्रास की स्वदेशी चिप और लैम रिसर्च का निवेश

India Develops 1st Military Grade Semicon Chip

India Develops 1st Military Grade Semicon Chip

भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर में हाल ही में दो बड़ी खबरें सामने आई हैं, जो देश के तकनीकी विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती हैं। पहली खबर इसरो और आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप से जुड़ी है, जबकि दूसरी खबर अमेरिकी कंपनी लैम रिसर्च के भारत में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश की है। आइए, इन दोनों घटनाओं को विस्तार से समझते हैं।

1. इसरो और आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप: IRIS

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और आईआईटी मद्रास ने मिलकर एक स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप विकसित की है, जिसे IRIS (Indigenous RISCV Controller for Space Applications) नाम दिया गया है। यह चिप SHAKTI प्रोसेसर पर आधारित है, जो RISC-V आर्किटेक्चर का उपयोग करता है। यह चिप मुख्य रूप से अंतरिक्ष मिशनों, IoT उपकरणों और कंप्यूटिंग सिस्टम में उपयोग के लिए डिज़ाइन की गई है।

IRIS चिप की मुख्य विशेषताएं

IRIS चिप का महत्व

2. लैम रिसर्च का भारत में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश

दूसरी बड़ी खबर अमेरिकी कंपनी लैम रिसर्च से जुड़ी है, जो दुनिया की टॉप सेमीकंडक्टर कंपनियों में से एक है। लैम रिसर्च ने भारत के कर्नाटक राज्य में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। यह निवेश बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड इलाके में एक नई प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए किया जाएगा।

लैम रिसर्च के निवेश का महत्व

भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर में ये दोनों घटनाएं देश की तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भरता को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। इसरो और आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित IRIS चिप ने भारत को सेमीकंडक्टर तकनीक में एक नई ऊंचाई दी है, जबकि लैम रिसर्च का निवेश भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर मानचित्र पर स्थापित करेगा। ये विकास न केवल भारत की तकनीकी क्षमता को मजबूत करेंगे, बल्कि देश को आर्थिक और सामरिक रूप से भी लाभान्वित करेंगे।

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