Happy Republic Day 2025: भारत की एकता, सांस्कृतिक धरोहर और विकास की झलक

भारत 26 जनवरी 2025 को अपना 76वां गणतंत्र दिवस “स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास” (Golden India: Legacy and Progress) की थीम के साथ मना रहा है। यह दिन भारत के लोकतांत्रिक और गणराज्य बनने की गाथा का प्रतीक है, जब 1950 में इस दिन हमारे संविधान को लागू किया गया था। इस ऐतिहासिक अवसर पर देशभर में उत्साह, देशभक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।

गणतंत्र दिवस का महत्व:

गणतंत्र दिवस भारत के संविधान को अपनाने का जश्न है, जो स्वतंत्रता के बाद भारतीय लोकतंत्र की नींव बना। यह दिन केवल एक राष्ट्रीय उत्सव नहीं, बल्कि देश के मूल्यों, विविधता और विकास की पहचान है। यह स्वतंत्रता संग्राम के दौरान दिए गए बलिदानों को याद करने और उनके द्वारा छोड़ी गई विरासत को आगे बढ़ाने का अवसर है।

Happy Republic Day 2025

दिल्ली में मुख्य समारोह:

नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर हर साल आयोजित होने वाला गणतंत्र दिवस समारोह इस बार भी विशेष आकर्षण का केंद्र होगा। इस वर्ष समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबिआंतो मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस बार की परेड में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां और 15 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की झलकियां दिखाई जाएंगी।

परेड में भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन भी होगा, जहां आधुनिक रक्षा उपकरण, मिसाइलें और स्वदेशी तकनीक से बने हथियार प्रस्तुत किए जाएंगे। यह परेड भारत की आत्मनिर्भरता और सैन्य सामर्थ्य को दर्शाती है।

गूगल डूडल का खास योगदान:

इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर गूगल ने भी एक अनोखा डूडल जारी किया। पुणे के कलाकार रोहन दाहोत्रे द्वारा बनाए गए इस डूडल में भारत की जैव विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित किया गया है। इसमें विभिन्न वन्यजीवों को पारंपरिक भारतीय परिधानों में दिखाया गया है। यह डूडल भारत के हिमालय से लेकर पश्चिमी घाट तक की समृद्ध प्रकृति और जीवंतता का प्रतीक है।

संदेश और प्रेरणा:

इस गणतंत्र दिवस पर, भारत के नागरिकों को संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्यों को अपनाने और राष्ट्र को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए। देश की विविधता, समृद्ध संस्कृति और एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।

गणतंत्र दिवस की प्रेरणादायक बातें:

  1. “संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है; यह जीवन का एक माध्यम है।” – डॉ. भीमराव अंबेडकर
  2. “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा।” – बाल गंगाधर तिलक

गणतंत्र दिवस केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं, बल्कि देश की एकता, संस्कृति और प्रगति का उत्सव है। आइए, इस गणतंत्र दिवस पर हम अपने देश के संविधान की रक्षा करने और इसे एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाने का प्रण लें। भारत की यह गौरवमयी यात्रा हर भारतीय के दिल में देशभक्ति और गर्व का भाव जगाती रहे। जय हिंद!

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