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डिजिटल युग में इंटरनेट और सोशल मीडिया ने जहाँ सूचना के प्रवाह को आसान बनाया है, वहीं कुछ अवांछित तत्वों ने इसकी आज़ादी का गलत फ़ायदा उठाना शुरू कर दिया है। हाल ही में केंद्र सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती अश्लील और हानिकारक सामग्री को लेकर चिंता जताई है और इस पर अंकुश लगाने के लिए नए आईटी नियमों की घोषणा की है। इन नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और अन्य इंटरमीडिएरीज़ को 24 घंटे के भीतर अश्लील कंटेंट हटाने का निर्देश दिया गया है। यदि प्लेटफॉर्म इसका पालन नहीं करते, तो उनके अकाउंट्स को स्थायी रूप से ब्लॉक या डिलीट किया जा सकता है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि यह नीति क्यों ज़रूरी है और इसका आम उपयोगकर्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता, यौन उत्पीड़न, बाल शोषण, और हिंसक कंटेंट का प्रसार चिंताजनक रूप से बढ़ा है। ऐसी सामग्री न केवल समाज की नैतिकता को क्षति पहुँचाती है, बल्कि अपराधों को भी प्रोत्साहित करती है। उदाहरण के लिए, मुस्कान मर्डर केस में आरोपी ने अपने पति की हत्या से पहले इंटरनेट पर हिंसक वीडियो देखे थे। इसी तरह, कुछ प्लेटफॉर्म्स पर बच्चों तक अश्लील सामग्री की पहुँच आसानी से हो जाती है, जिससे उनकी मानसिकता प्रभावित होती है। सरकार का मानना है कि यदि समय रहते इन पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो डिजिटल स्पेस अराजकता का केंद्र बन सकता है।
इस नीति का सबसे बड़ा लाभ महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को मिलेगा। आजकल सोशल मीडिया पर अक्सर महिलाओं के निजी वीडियो या फ़ोटोज़ बिना सहमति के वायरल कर दिए जाते हैं। नए नियमों के तहत ऐसी सामग्री को तुरंत हटाने के साथ-साथ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी। इसी तरह, बच्चों को गलत सामग्री से बचाने के लिए पैरेंटल कंट्रोल जैसे उपायों को बल मिलेगा।
दूसरी ओर, कुछ लोगों को चिंता है कि यह नीति अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकती है। हालाँकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह नियम केवल अवैध और हानिकारक कंटेंट तक सीमित हैं, न कि सामान्य उपयोगकर्ताओं की गतिविधियों पर।
केंद्र सरकार का यह कदम डिजिटल स्पेस को सुरक्षित और नैतिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। हालाँकि, केवल नियम बनाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। इसके लिए सामाजिक जागरूकता और तकनीकी सहयोग दोनों आवश्यक हैं। हर नागरिक की यह ज़िम्मेदारी है कि वह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग सावधानी से करे और गलत प्रथाओं के खिलाफ आवाज़ उठाए। याद रखें, एक सुरक्षित इंटरनेट हम सभी की साझा ज़िम्मेदारी है।
इस नीति के बारे में आपकी क्या राय है? क्या आपको लगता है कि यह ऑनलाइन अश्लीलता रोकने में प्रभावी होगी? अपने विचार कमेंट सेक्शन में साझा करें। साथ ही, ऐसी जानकारियों के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें।