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Donald Trump eyes on Greenland: ट्रंप और यूरोपियन यूनियन के बीच बढ़ता तनाव

Donald Trump eyes on Greenland

Donald Trump eyes on Greenland

ग्रीनलैंड, जो प्राकृतिक संसाधनों और रणनीतिक महत्व के कारण एक आकर्षण का केंद्र बन गया है, हाल के दिनों में अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के बीच तनाव का कारण बना हुआ है। डोनाल्ड ट्रंप, जब से अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, ग्रीनलैंड को अपने कब्जे में लेने की मंशा जाहिर कर चुके हैं। ट्रंप ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के लिए जरूरी बताया है।

ग्रीनलैंड का महत्व:

ग्रीनलैंड भौगोलिक दृष्टि से उत्तर अमेरिकी महाद्वीप में आता है, लेकिन यह डेनमार्क के शासन के अंतर्गत है। इसका 85% हिस्सा मोटी बर्फ से ढका हुआ है, और यहां दुर्लभ प्राकृतिक संसाधन, जैसे- नियोडाइमियम, जो इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में उपयोगी हैं, प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन के चलते पिघलती बर्फ ग्रीनलैंड को भविष्य में रहने के लिए उपयुक्त बना सकती है। अमेरिका इसे एक रणनीतिक और आर्थिक अवसर के रूप में देखता है।

अमेरिका और ट्रंप की मंशा:

डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीनलैंड को खरीदने की बात 2024 में फिर से दोहराई। उन्होंने डेनमार्क के प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर चर्चा की, जो काफी तीखी रही। ट्रंप का कहना है कि ग्रीनलैंड के निवासी अमेरिका का हिस्सा बनना चाहते हैं, और यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है। उन्होंने डेनमार्क पर दबाव बनाने के लिए आर्थिक प्रतिबंध लगाने की भी धमकी दी।

डेनमार्क और यूरोपियन यूनियन की प्रतिक्रिया:

डेनमार्क ने ग्रीनलैंड की सुरक्षा के लिए अपने बजट को दोगुना कर दिया है और ग्रीनलैंड को स्वायत्तता (ऑटोनॉमी) देने का निर्णय पहले ही ले चुका है। वहीं, यूरोपियन यूनियन के सैन्य प्रमुखों ने ग्रीनलैंड में सेना भेजने की संभावनाओं पर विचार शुरू कर दिया है। हालांकि, यूरोपियन यूनियन की कोई संगठित सेना नहीं है, लेकिन इसके सदस्य देशों, जैसे फ्रांस, जर्मनी, और इटली की सेनाओं को एकजुट कर कार्रवाई करने की योजना बनाई जा रही है।

भविष्य की चुनौतियां और संभावनाएं:

अगर अमेरिका ग्रीनलैंड पर कब्जा करने की कोशिश करता है, तो यह अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के बीच गंभीर टकराव का कारण बन सकता है। इस विवाद से नाटो देशों के रिश्ते भी प्रभावित हो सकते हैं। साथ ही, रूस और चीन जैसे देश भी इस स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं।

ग्रीनलैंड के प्राकृतिक संसाधन और रणनीतिक स्थिति इसे भविष्य के संघर्षों का केंद्र बना सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अमेरिका अपनी योजनाओं में सफल होगा या डेनमार्क और यूरोपियन यूनियन मिलकर इसका विरोध करेंगे।

ग्रीनलैंड पर अधिकार को लेकर बढ़ता तनाव वैश्विक राजनीति के नए आयाम खोल सकता है। यह विषय केवल अमेरिका, डेनमार्क या यूरोपियन यूनियन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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