भारत सरकार ने बजट 2025-26 पेश कर दिया है, जो कई अहम बदलाव और योजनाओं के साथ आया है। इस बार का बजट आम जनता, मध्यम वर्ग, उद्योगों और रक्षा क्षेत्र के लिए क्या कुछ नया लेकर आया है? आइए, विस्तार से जानते हैं।
टैक्स में राहत: मिडिल क्लास को बड़ी सौगात:
मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर टैक्स छूट का ऐलान किया है। इसके अलावा, स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी बढ़ाया गया है, जिससे आम लोगों की बचत बढ़ेगी। इस फैसले से सरकार को 1 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा, लेकिन इससे करोड़ों लोगों को सीधा फायदा मिलेगा।
आर्थिक संतुलन और सरकारी खर्च:
सरकार का कुल खर्च इस बार 50 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया है, जबकि कुल आमदनी 35 लाख करोड़ रुपये तक सीमित है। ऐसे में 15 लाख करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा बना हुआ है, जिसे उधारी से पूरा किया जाएगा। वित्त मंत्री ने फिस्कल डेफिसिट को 4.4% तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है, जो निवेशकों और वैश्विक बाजारों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
कॉरपोरेट टैक्स बनाम इनकम टैक्स: क्या संतुलन जरूरी है?
इस बार के बजट में कॉरपोरेट टैक्स और इनकम टैक्स में बड़ा अंतर देखा गया है। कंपनियां कम टैक्स दे रही हैं, जबकि आम जनता पर टैक्स का भार अधिक है। सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह कंपनियों को अधिक वेतन देने के लिए प्रेरित करे, ताकि कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़े और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
रक्षा बजट: सुरक्षा पर कितना खर्च हुआ?
रक्षा बजट को बढ़ाकर 6.81 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। हालांकि, इस बजट का बड़ा हिस्सा सैलरी और पेंशन में ही चला जाता है, जबकि नए रक्षा उपकरणों पर कम खर्च किया जाता है। इसरो और अन्य संस्थानों के माध्यम से देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है, ताकि रक्षा क्षेत्र में व्यय का सही उपयोग हो सके।
बजट का असर: कौन होंगे सबसे बड़े लाभार्थी?
- मध्यम वर्ग: टैक्स छूट और स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी से सीधे फायदा।
- कर्मचारी वर्ग: कंपनियों को वेतन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देने की संभावनाएं।
- निवेशक: फिस्कल डेफिसिट कम करने के प्रयास से बाजार में स्थिरता आएगी।
- रक्षा क्षेत्र: नए संसाधनों पर ध्यान देने की जरूरत के बावजूद, मौजूदा खर्चों में बढ़ोतरी।
क्या बजट 2025-26 देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा?
सरकार के फैसले आम लोगों को राहत देने वाले हैं, लेकिन वित्तीय घाटा एक बड़ी चुनौती है। इसे पूरा करने के लिए सरकार को नए स्रोतों से राजस्व जुटाने की जरूरत होगी। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टार्टअप्स और निर्यात को बढ़ावा देना जरूरी होगा।
बजट 2025-26 कई मायनों में खास है। टैक्स में राहत से लेकर रक्षा बजट तक, सरकार ने संतुलित प्रयास किया है। हालांकि, कंपनियों की ओर से कर्मचारियों को अधिक वेतन देने और रक्षा खर्च में रणनीतिक बदलाव की जरूरत बनी रहेगी। कुल मिलाकर, यह बजट मध्यम वर्ग और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक सकारात्मक कदम है।