तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने वैकुंठ एकादशी महोत्सव के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां की थीं, लेकिन भारी भीड़ और असमर्थ व्यवस्थाओं के कारण तिरुपति में एक बड़ी भगदड़ मच गई। इस घटना में कई भक्तों की जान गई और कई लोग घायल हुए। आइए जानते हैं पूरी घटना और TTD के आयोजन की विफलता के बारे में।
वैकुंठ एकादसी के दिन दर्शन के लिए पहुंचे भक्तों को बुधवार को तिरुपति में रामचंद्र पुष्करिणी टोकन इश्यू काउंटर पर धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा।
वैकुंठ एकादशी के लिए की तैयारियां
TTD ने 10 से 19 जनवरी तक वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए 94 काउंटर खोले थे। इन काउंटरों पर टोकन जारी किए जाने थे, जिनका वितरण 9 जनवरी को सुबह 5 बजे से शुरू होना था। पहले तीन दिनों के लिए 1.20 लाख टोकन उपलब्ध कराए गए थे, इसके बाद अगले सात दिनों के लिए सामान्य काउंटरों पर टोकन जारी किए जाने थे। हालांकि, इस आयोजन की तैयारी भारी भीड़ और असमर्थ व्यवस्थाओं के कारण नाकाम रही।
भगदड़ की घटना: जानें क्या हुआ
वैकुंठ एकादशी के दर्शन के लिए भक्तों की तादात इतनी अधिक हो गई कि 8 जनवरी को ही लोग टोकन प्राप्त करने के लिए तिरुपति केंद्रों पर कतार में खड़े हो गए। जैसे-जैसे भीड़ बढ़ी, लोग आपस में धक्का-मुक्की करने लगे और स्थिति बेकाबू हो गई। खासतौर पर रामचंद्र पुष्करिणी, महाती ऑडिटोरियम, जीवकोना और बैरागीपट्टेडा जैसे प्रमुख काउंटरों पर भगदड़ मच गई। इस दौरान बैरागीपट्टेडा केंद्र पर एक महिला भक्त की मौत हो गई, और कई लोग घायल हो गए।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया और TTD के कदम
घटना के बाद, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की। उन्होंने TTD अधिकारियों से फोन पर बात की और घायल व्यक्तियों के इलाज के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने जिला अधिकारियों को घटनास्थल पर भेजने का निर्देश दिया।
आईटी और शिक्षा मंत्री नारा लोकेश ने भी शोक व्यक्त किया और TTD से अनुरोध किया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अधिक सख्त इंतजाम किए जाएं।