प्रयागराज, 2025
इस बार के महाकुंभ मेले ने जहां श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव का विशाल मंच प्रस्तुत किया है, वहीं तकनीकी क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम भी उठाया है। ओकटो वॉलेट और चेनकोड ने साथ मिलकर एक अनूठी पहल की है, जिसमें एनएफटी (NFT) आधारित टिकटों का उपयोग किया जाएगा। यह पहल न केवल इस धार्मिक आयोजन को डिजिटल युग से जोड़ती है, बल्कि परंपरा और नवाचार का अद्भुत मेल भी पेश करती है।
एनएफटी टिकट: यात्रा का डिजिटल स्मृति चिन्ह
महाकुंभ मेले में इस बार भारतीय रेलवे के चुनिंदा सेवाओं और टेंट सिटी बुकिंग के लिए यात्रियों को उनके टिकट का NFT संस्करण प्रदान किया जाएगा। यह NFT टिकट ओकटो वॉलेट में सुरक्षित रूप से संग्रहीत होंगे। ये न केवल एक डिजिटल स्मृति चिन्ह के रूप में काम करेंगे, बल्कि टेंट बुकिंग और अन्य सेवाओं पर विशेष छूट भी प्रदान करेंगे।
प्रमुख विशेषताएँ:
ब्लॉकचेन द्वारा सुरक्षित प्रणाली:
NFT टिकट्स को ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके सुरक्षित किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि यह प्रणाली पूरी तरह से पारदर्शी और सुरक्षित है।
परंपरा और आधुनिकता का समावेश:
NFT टिकट्स मेले में डिजिटल परिवर्तन का प्रतीक हैं, जो परंपरागत अनुभवों को और भी खास और यादगार बनाएंगे।
अनुभव को व्यक्तिगत बनाने का अवसर:
इन NFT टिकटों के माध्यम से यात्रियों को अपने अनुभवों को फोटो और वीडियो के रूप में रिकॉर्ड करने और उन्हें ब्लॉकचेन पर संग्रहीत करने का विकल्प मिलेगा।
यात्रियों के लिए विशेष लाभ:
NFT टिकटों के साथ श्रद्धालु न केवल डिजिटल रूप से सुसज्जित होंगे, बल्कि उन्हें टेंट बुकिंग, खाने-पीने और अन्य सेवाओं पर छूट भी मिलेगी। आयोजकों ने बताया कि इस बार 450 मिलियन श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, और उनके ठहरने के लिए 1 लाख से अधिक टेंट्स उपलब्ध कराए गए हैं।
साझेदारी की नई मिसाल:
चेनकोड के संस्थापक और सीईओ आलोक गुप्ता ने कहा, “हम भारतीय रेलवे, पॉलीगॉन और ओकटो के साथ साझेदारी करके यात्रा के अनुभव को नया स्वरूप देने के लिए उत्साहित हैं। ब्लॉकचेन न केवल विश्वास और पारदर्शिता प्रदान करता है, बल्कि यह प्रक्रिया को आसान और अधिक भरोसेमंद भी बनाता है।
ओकटो वॉलेट के प्रमुख रोहित जैन ने कहा, “हमारा उद्देश्य हर भारतीय के लिए महाकुंभ यात्रा को और भी खास बनाना है। यह डिजिटल पहल न केवल वेब3 तकनीक को मुख्यधारा में लाने का माध्यम है, बल्कि एक नई शुरुआत का प्रतीक भी है।
निष्कर्ष:
महाकुंभ मेले में एनएफटी आधारित टिकटों की यह पहल न केवल इस आयोजन को डिजिटल युग से जोड़ने का प्रयास है, बल्कि भारतीय परंपराओं और तकनीक के बीच एक अद्भुत संतुलन स्थापित करने का भी प्रयास है। यह बदलाव भविष्य में डिजिटल समाधानों को अपनाने की दिशा में एक प्रेरणा साबित हो सकता है।